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गमो को मुस्कान के पीछे छिपाना सिख गए
तकरार भी उसी से और इकरार भी उसी से
दिल की कही करते हैं तो दिल राजी क्यों नहीं
हर रोज तेरे सामने बैठ तुझे निहारते हैं
तेरे साथ जिंदगी के सफ़र का गुजारा हो जाए
इश्क़ के मीनार का एक किस्सा बड़ा मशहूर हैं
वो हैं अगर नज्म तो हम भी अल्फाजो से कम नहीं
गुजरते नहीं ये दिन
मंजिल तो मिल ही जायेगी भटकते भटकते
बड़ी मुश्किल से मिले हैं ये पल
धोका देना कोई तुझसे सिखे
तुझे चाहा था खुद से भी ज्यादा
मुझे छोड कर केहता है
Love