क्यों रेहते हो इतने खोए-खोए से,
जागे लेकिन सोए-सोए से,
यू तो रेहती थी हमेशा आपके होंठों पे हसी,
क्यों लगते हो आजकल रोए-रोए से।
- AlishaNadaf.
जागे लेकिन सोए-सोए से,
यू तो रेहती थी हमेशा आपके होंठों पे हसी,
क्यों लगते हो आजकल रोए-रोए से।
- AlishaNadaf.
1 Comments
👌mujh bhi sikhna he bolt
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